Thursday, November 25, 2010

नया सवेरा....


एक कदम तुम्हारा,
एक कदम मेरा.
एक संकल्प तुम्हारा,
एक संकल्प मेरा.
मिल के लड़ेंगे हम,
अँधेरे को जड़ से मिटा
लाने को वो नया सवेरा...
सवेरा आशाओं का,.
सवेरा खुशियों का,,,
सवेरा जो दिखेगा रास्ता ,
एक ऐसे जहान का
जहाँ ना होगा कोई भेदभाव,
जहाँ धर्म के लिए, नहीं होगा कोई मनमुटाव.
जहाँ ना होगा निर्बल पे अत्याचार
जहाँ ना होगा बल का दुरूपयोग,
जहाँ पर होगा सिर्फ सुख का योग.
जहाँ ना होंगी काँटों भरी सरहदें
जहाँ पर होंगी सिर्फ उम्मीदें.
जहाँ पर होगी सिर्फ प्यार की भाषा
ऐसा जहाँ हम बनाएँगे...
अपनी मेह्नत से उसे सजेंगे
बस चाहिए साथ तुम्हारा,
एक निश्चय तुम्हारा,
एक निश्चय मेरा
लाने को वो नया सवेरा......

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