Tuesday, March 22, 2011

HAAN TUM......


अँधेरे गलियारों में
उम्मीद की किरण बनके आये हो तुम.
पथरीले रास्तों में
कोमल फूल बनके आये हो तुम.
इस सूनी दुनिया में
मेरा साया बनके आओ हो तुम,
मन के मंदिर में
सुनहरी मन्नत बनके आये हो तुम.
तुम्हारी मोहक मुस्कान से
रात में सवेरा नज़र आता है.
तुम्हारी खिली खिली आँखों में
अपना सुन्दर सपना नज़र आता है.
तुम्हारी बातों में
जीने का बहाना मिलता जाता है.
तुम्हारे स्पर्श से
एक बिजली सी कौंध जाती है.
इस दिल और दिमाग पर
अमिट चाप छोड़ जाती है.
और एक अनोखा सा एहसास दे जाती है.
एह्स्सास जो अपने पास बुलाता है,
एहसास जो भरोसा दिलाता है,
की तुम हमेशा रहोगे साथ...
अपने हाथों में लेके मेरा हाथ,
मैं तुम्हारी, तुम हो मेरे
कभी न ढालेंगे अपने सवेरे,.....

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